Loading...

BMS Bihar Banner

भारतीय मजदूर संघ

भारतीय मजदूर संघ भारत का सबसे बड़ा केन्द्रीय श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना भोपाल में महान विचारक दत्तोपन्त ठेंगडी द्वारा प्रख्यात स्वतन्त्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिवस 23 जुलाई 1955 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था।

यह देश का पहला मजदूर संगठन है, जो किसी राजनैतिक दल की श्रमिक इकाई नहीं, बल्कि मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा संचालित अपने में स्वतन्त्र मजदूर संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश में सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला मजदूर संगठन है। भारतीय मजदूर संघ तथा भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ सम्बन्धित, एक इकाई भारतीय संरक्षण कामगार संघ आयुध निर्माणी देहूरोड पुना महाराष्ट्र में है।

हमारे बारे में

श्रमिक अधिकार, सामाजिक न्याय और बिहार भर में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चार दशकों की अटूट प्रतिबद्धता

भारतीय मजदूर संघ का इतिहास

शून्य से शुरू होकर विश्व के सबसे बड़े स्वतंत्र श्रमिक संगठन तक का सफर

राष्ट्रीय पड़ाव

  • 1955: भारतीय मजदूर संघ की स्थापना (भोपाल)
  • 1989: इंटक को पीछे छोड़ा, 31 लाख 17 हजार 324 सदस्य
  • 2002: 81 लाख सदस्यता के साथ भारत का सबसे बड़ा श्रम संगठन
  • 2012: एक करोड़ से अधिक सदस्य
  • 2023: दो करोड़ से अधिक सदस्य, विश्व का सबसे बड़ा स्वतंत्र श्रमिक संगठन

बिहार में यात्रा

  • 1963: बिहार में विस्तार, रामप्यारे लाल जी और रामदेव बाबू जी के प्रयास से नींव रखी गई
  • 1964: प्रथम अधिवेशन, पटना सिटी के अनंत राम धर्मशाला में, युगल किशोर प्रसाद जी अध्यक्ष बने
  • 1965: द्वितीय अधिवेशन, सदस्य संख्या 10,049
  • 1966: तृतीय अधिवेशन, सिंदरी में, रामदेव बाबू जी महामंत्री चुने गए
  • प्रारंभिक संघ: प्रदीप लैम्प वर्क्स कर्मचारी संघ (1964), पटना बिस्कुट उद्योग कर्मचारी संघ (1964), पटना छापाखाना मजदूर संघ (1965)
  • प्रारंभिक सदस्य संख्या: लगभग दो हजार