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श्रमिक अधिकार, सामाजिक न्याय और बिहार भर में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए चार दशकों की अटूट प्रतिबद्धता
भारतीय मजदूर संघ की स्थापना के 8 साल बाद 1963 में बिहार में भारतीय मजदूर संघ की नींव रखी गई। आदरणीय रामप्यारे लाल जी और आदरणीय रामदेव बाबू जी के प्रयास से भारतीय मजदूर संघ का कार्य प्रारंभ हुआ।
14 अक्टूबर, 1964 को पटना सिटी के अनंत राम धर्मशाला में भारतीय मजदूर संघ का पहला अधिवेशन हुआ। बड़े भइया आदरणीय स्व. रामनरेश सिंह जी ने अधिवेशन का उद्घाटन किया था। प्रथम अधिवेशन में आदरणीय युगल किशोर प्रसाद जी अध्यक्ष, आदरणीय रामप्यारे लाल जी महामंत्री बनाये गये।
आज BMS बिहार राज्य के सभी जिलों में फैला हुआ है और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। हमारा संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर देशभक्ति, त्याग और तपस्या के आदर्शों पर आधारित है।
बिहार में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना - रामप्यारे लाल जी प्रदेश संयोजक बने
14 अक्टूबर को पटना सिटी में प्रथम अधिवेशन - युगल किशोर प्रसाद जी अध्यक्ष बने
द्वितीय अधिवेशन - सदस्य संख्या 10,049 हो गई
सिंदरी में तृतीय अधिवेशन - रामदेव बाबू जी महामंत्री चुने गए
राष्ट्रीय स्तर पर 1 करोड़+ सदस्यों के साथ विश्व का सबसे बड़ा स्वतंत्र श्रमिक संगठन
To empower workers across Bihar by providing them with a unified platform to voice their concerns, secure fair wages, ensure safe working conditions, and promote social and economic justice through collective action and peaceful negotiation.
To create a Bihar where every worker enjoys dignity, security, and prosperity; where labor rights are respected and protected; and where the voice of working people shapes policies that affect their lives and livelihoods.
The principles that guide our work and define our character
Strength through solidarity and collective action
Fair treatment and equal opportunities for all workers
Honest, transparent, and ethical in all our dealings
Dedicated service to workers and their families